Thursday 6 December 2018

वो एक याद

यादों की धुँध में,
धूप निकली नहीं है,
एक पल के लिए,
आहट सी हो रही है,
समुंदर की तरह,
नींद की दरीया में,
एक अजनबी से,
मुलाकात हो रही है,
चाँद तुम सो रहे हो,
या किस्मत की बात है,
उसके दिल में भी,
एक आरज़ू हो रही है

No comments:

Post a Comment