Wednesday 5 December 2018

किसी दिन कोई कवि बन

एक कविता बना,
मुझे कोई मेहसूस करता,
जैसे एक कवि,
मोहब्बत को शब्दों से सजाता,
लिखे जो बातें मैंने ,
उसकी वो मोहब्बत की,
कोई  मुझे भी याद कर,
आँसुओं से  रूबरू करता,
किसी दिन कोई कवि बन ,
मुझे भी कविता बना लिख देता,
ओढ के  दर्द  की चादर,
सर्द रात में, कोई शमा पे,
मेरा जिक्र करता
किसी दिन कोई कवि बन ,
मुझे भी कविता बना लिख देता,
खुबसूरती  का एहसास ,
पलकों से कराता,
लबों पे इकरार,
मोहब्बत समझाता,
किसी दिन कोई कवि बन ,
मुझे भी कविता बना लिख देता,
बिताए पल वो,
यादों में समेटता,
हवा में पैगाम,
वो इश्क का देता,
किसी दिन कोई कवि बन ,
मुझे भी कविता बना लिख देता,
लिख देता वो,
मोहब्बत का किस्सा हमरा,
यूहीं कोफी पे,
मेरा इन्तज़ार करना,
किसी दिन कोई कवि बन ,
मुझे भी कविता बना लिख देता
अटका के निगाहें,
निगाहों में,
वो अपना हाल-ए-दिल कहता,
कर के इज़हार-ए-इश्क,
किसी दिन कोई कवि बन ,
मुझे भी कविता बना लिख देता

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