जब मैंने कहा में ठीक हूँ और उसने मान लिया ....!!
2) आँखें थी जो कह गयी सब कुछ..!!
लफ्ज़ होतें तो मुकर गए होतें…!!
3) एक बार और उलझना हैं तुमसे,
बहुत कुछ सुलझाने के लिये!!
4) नफ़रत हो जायेगी तुझे अपने ही किरदार से,
अगर मैं तेरे ही अंदाज में तुझसे बात करुं।
5) तू मोहब्बत से कोई चाल तो चल
हार जाने का हौसला है मुझे |
6) मेरी कोई खता तो साबित कर ,
जो बुरा हूँ तो बुरा साबित कर ,
तुझे चाहा है कितना तू क्या जाने ,
चल मैं बेवफा ही सही ,
तू अपनी वफ़ा तो साबित कर ..!!!
7) किस तरह करे खुद को तेरे प्यार के क़ाबिल हम,
हम आदतें बदलते है तो तुम शर्ते बदल देते हो।
8) औक़ात नही थी जमाने में जो मेरी कीमत लगा सके,
कबख़्त इश्क में क्या गिरे, मुफ़्त में नीलाम हो गए..
9) ना चाहत के अंदाज़ अलग, ना दिल के जज़्बात अलग..
थी सारी बात लकीरों की, तेरे हाथ अलग, मेरे हाथ अलग…
10) फासला रख के आखिर क्या हासिल कर लिया तुमने,
रहते तो आज भी तुम मेरे दिल में हो |
11) “मैं अक्सर सोचा करता हूँ ,
जाने कितना प्यार लगा होगा इतनी नफ़रत के लिये ” |
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